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आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण और दिलचस्प विषय पर चर्चा करेंगे, जो ध्यान साधना और आत्मिक उन्नति से जुड़ा हुआ है। अगर आप ध्यान में गहरी रुचि रखते हैं या जीवन में तत्वों का संतुलन बनाए रखना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए है। आज हम दो खास अंगूठियों के बारे में बात करेंगे: एक पारद अंगूठी और दूसरी ईशा सांप की अंगूठी। क्या आपने कभी इन दोनों के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो जाने ईशा सांप की अंगूठी से ज़्यादा पारद अंगूठी ही क्यों बेहतर हैं।

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क्या आप ईशा सांप की अंगूठी पहनते हैं? जानिए पारद अंगूठी के फायदे और दोनों में अंतर:

हमारे पारद अंगूठी में लगभग 9०% शुद्धिकृत प्रसंस्कृत मर्क्युरी एवं शेष चांदी, विभिन्न औषधियां, जड़ी बूटियां व कुछ अन्य धातुंए मिलाई जाती हैं। अधिकतर धोखेबाज़ पारद निर्माता इस मिश्रण में शीशा व अत्यंत नकारात्मक, अशुद्ध एवं हानिकारक धातुएं मिलाते हैं। ओरिजिनल पारद जो “ओरिजिनल पारद” का एकमात्र निर्माता हैं। हमारी संस्था (ओरिजिनल पारद) इस बात की गारंटी लेती है कि इसमें ऐसा या इससे मिलता – जुलता कोई अन्य पदार्थ नहीं मिलाया गया हैं। आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण और दिलचस्प विषय पर चर्चा करेंगे, जो ध्यान साधना और आत्मिक उन्नति से जुड़ा हुआ है। अगर आप ध्यान में गहरी रुचि रखते हैं या जीवन में तत्वों का संतुलन बनाए रखना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए है। आज हम दो खास अंगूठियों के बारे में बात करेंगे: एक पारद अंगूठी और दूसरी ईशा सांप की अंगूठी। क्या आपने कभी इन दोनों के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो जाने ईशा सांप की अंगूठी से ज़्यादा पारद अंगूठी ही क्यों बेहतर हैं।

पारद अंगूठी की शक्ति अत्यधिक मानी जाती है, क्योंकि इसमें 100 करोड़ गुण होते हैं, जो इसे तांबे या अन्य धातुओं से कहीं अधिक प्रभावशाली बनाता है। यह अंगूठी मानसिक शांति, प्राणों का संतुलन और ध्यान साधना में मदद करती है। इसके पहनने से आपकी ऊर्जा और मानसिक स्थिति में स्थिरता आती है, जिससे ध्यान की गहराई बढ़ती है और मानसिक शांति मिलती है।

वहीं, ईशा सांप की अंगूठी, जिसे सर्पसूत्र अंगूठी भी कहा जाता है, ध्यान और ऊर्जा के एक विशेष प्रकार के संतुलन पर काम करती है। ईशा सांप की अंगूठी तांबे की बनी होती हैं, तांबे में 32 गुण होते हैं| हालांकि यह अंगूठी भी ध्यान में सहायक है, लेकिन इसके प्रभाव की सीमा पारद अंगूठी से कम होती है। ईशा सांप की अंगूठी का मुख्य उद्देश्य शरीर और ऊर्जा के बीच एक गहरे संबंध को बनाए रखना है, जबकि पारद अंगूठी पूरे शरीर के पांच तत्वों का संतुलन बनाए रखती है, जिससे इसका प्रभाव और व्यापक हो जाता है।

इस प्रकार, पारद छल्ला का प्रभाव ईशा सांप की अंगूठी से कहीं ज्यादा होता है, क्योंकि पारद अंगूठी में मौजूद 100 करोड़ गुणों की ऊर्जा सभी तत्वों के संतुलन में मदद करती है, जो कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अधिक लाभकारी साबित होती है।

क्यों पारद अंगूठी ईशा सांप की अंगूठी से अधिक लाभकारी है?

पारद अंगूठी, जिसे शास्त्रों में अत्यधिक शक्तिशाली माना गया है, ईशा सांप की अंगूठी (सर्पसूत्र अंगूठी / Isha Snake Ring) से कहीं अधिक लाभकारी मानी जाती है। पारद या पारा विशेष रूप से मानसिक शांति, ऊर्जा के संतुलन और ध्यान साधना में सहायक होता है। यह अंगूठी शरीर और प्राणों के बीच संतुलन बनाए रखती है और ध्यान के दौरान ऊर्जा को नियंत्रित कर आपकी मानसिक स्थिति को स्थिर करती है। इसके विपरीत, ईशा सांप की अंगूठी का प्रभाव केवल एक विशेष प्रकार की ऊर्जा पर केंद्रित होता है। जबकि पारद अंगूठी की ऊर्जा सभी पांच तत्वों—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश—का संतुलन बनाए रखती है, जिससे इसका प्रभाव अधिक व्यापक और लाभकारी होता है। इस कारण, पारद अंगूठी की शक्ति और प्रभाव को ईशा सांप की अंगूठी से कहीं अधिक प्रभावशाली माना जाता है।

पारद अंगूठी क्या है?

पारद, जिसे शास्त्रों में मरकरी (पारा) भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली धातु है। यह धातु विशेष रूप से ध्यान साधना में उपयोगी मानी जाती है। पारद अंगूठी का संबंध विशेष रूप से ध्यान, तपस्या और मानसिक शांति से है। शास्त्रों में इसे बहुत ही प्रभावशाली और लाभकारी माना गया है।

पारद अंगूठी: शास्त्रों में महत्व

पारद, जिसे पारा भी कहा जाता है, एक अत्यंत शक्तिशाली धातु है। इसे मर्करी (Purified Mercury) भी कहते हैं, और यह ऊर्जा के मामले में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। शास्त्रों में यह कहा गया है कि पारद अंगूठी पहनने से ध्यान साधना और मानसिक शांति प्राप्त करने में बहुत मदद मिलती है। यह अंगूठी आपकी ऊर्जा को संतुलित करती है और आपके ध्यान को तेज़ करती है।

पारद अंगूठी के फायदे (Parad ki Anguthi ke fayde):

1. ध्यान की गहराई में वृद्धि:

पारद की अंगूठी पहनने से ध्यान की गहराई में वृद्धि होती है। यह आपकी मानसिक स्थिति को शांत और स्थिर करती है, जिससे आप अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं और साधना में सफलता प्राप्त करते हैं।

2. शरीर और प्राणों का संतुलन:

पारद छल्ला शरीर के तत्वों को संतुलित करने में मदद करती है। यह शरीर और प्राणों के बीच के संबंध को मजबूत बनाती है, जिससे ध्यान के दौरान शरीर से प्राणों का विच्छेद नहीं होता। यह खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो ध्यान में मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करना चाहते हैं।

3. आध्यात्मिक उन्नति:

पारद अंगूठी पहनने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्यक्ति के आंतरिक उन्नति को तेज करता है और आत्मा के स्तर पर ऊर्जा का संचार करता है।

4. प्राकृतिक तत्वों का प्रभाव:

शास्त्रों में कहा गया है कि पारद अंगूठी के पहनने से पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का संतुलन स्थापित होता है। यह शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करता है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

5. ध्यान में सफलता:

पारद छल्ला पहनने से ध्यान में सफलता मिलती है। यह मानसिक स्थिति को शांत और स्थिर करती है, जिससे ध्यान की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी होती है।

6. संतुलन और शांति:

पारद अंगूठी पहनने से जीवन में संतुलन और शांति आती है। यह मानसिक तनाव को कम करती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती है।

पारद अंगूठी किस उंगली में पहनें?

विभिन्न उंगलियों में पारद अंगूठी पहनने से अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं:

1. अंगूठा (अग्नि तत्व):

अत्यधिक क्रोध या ऊर्जा की कमी होने पर पहनें।

2. तर्जनी (वायु तत्व):

कल्पना शक्ति और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने के लिए।

3. मध्यमा (आकाश तत्व):

आध्यात्मिक उन्नति और उच्च चेतना के लिए।

4. अनामिका (पृथ्वी तत्व):

ध्यान साधना और स्थिरता के लिए।

5. कनिष्ठिका (जल तत्व):

भावनात्मक असंतुलन को ठीक करने के लिए।

केवल असली पारद अंगूठी पहनें:

आज के समय में बाजार में नकली पारद अंगूठियां भी पाई जाती हैं। केवल शास्त्रीय विधि से निर्मित असली पारद अंगूठी ही पूर्ण लाभ प्रदान कर सकती है। ओरिजिनल पारद उत्पादों के लिए केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदारी करें जैसे की एस्ट्रो देवम

श्लोक का महत्व:

आपने एक श्लोक सुना होगा, जो तांबे, पीतल, चांदी और सोने के गुणों के बारे में है। वह श्लोक इस प्रकार है:

सूते गुणानां शतकोटिवज्जे चाश्रये सहस्रं कनके शतकं।
तारे गुणश्रीति तदर्धकानि तीक्ष्णे चतुष्षष्टि रवौ तदर्धम्॥

अर्थ:

इस श्लोक के अनुसार, तांबे में 32 गुण होते हैं, चांदी में 80 गुण होते हैं, सोने में 100 गुण होते हैं और हीरे में 1000 गुण होते हैं। लेकिन पारद यानी पारद की अंगूठी में शक्ति और लाभ की कोई तुलना नहीं है, क्योंकि इसके गुण बहुत ज्यादा होते हैं। शास्त्रों में इसे शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

पारद अंगूठी पहनने के सुझाव:

  • यदि आप ध्यान साधना में रुचि रखते हैं और चाहते हैं कि आपकी ऊर्जा और मानसिक स्थिति में संतुलन बने, तो पारद अंगूठी पहनना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
  • यह पारद अंगूठी आप अपनी अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) में पहन सकते हैं। यह उंगली ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करती है और पारद अंगूठी से होने वाले लाभ को और अधिक प्रभावी बनाती है।
  • यदि आपके पास पारद अंगूठी नहीं है, तो ध्यान रखें कि यह अंगूठी असली और शुद्ध हो, ताकि आपको इसके पूरे लाभ मिल सकें।

निष्कर्ष:

पारद की अंगूठी, विशेष रूप से ध्यान साधना और मानसिक शांति के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली साधन है। इसके पहनने से आप जीवन में संतुलन, शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप भी ध्यान साधना करते हैं या अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं, तो पारद अंगूठी को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपको अद्भुत लाभ मिल सकते हैं।

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ध्यान दें:

एस्ट्रोदेवम और OriginalParad.com ही असली पारद उत्पादों का एकमात्र स्रोत हैं और उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित शब्द ‘ओरिजिनल पारद’ का उपयोग करने का एकमात्र अधिकार दिया गया है।

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